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चिड़ियाघर की सैर पर निबंध

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चिड़िया घर की सैर पर निबंध :-

परीक्षाओं के खत्म होने के बाद मोहन को बहुत खाली समय मिलने वाला था | उसके मन में पुस्तकालय से पुस्तकें लाने की इच्छा थी लेकिन तभी रायपुर से उसके मामा जी आ गये | बात करते हुए उसके मामा जी ने उससे पूंछा की – तुमने चिड़िया घर देखा है ? मोहन ने कहा एक बार दिल्ली का च्दिया घर देखा था लेकिन मुम्बई का चिड़िया घर नहीं देख पाया हूँ |

चिड़िया घर जाना :- दूसरे दिन मामा जी और मैं हम दोनों बस में बैठकर चिड़िया घर के लिए रवाना हुए | चिड़िया घर जाते समय हमें बस के अंदर से बहुत ही मनोभव दृश्य का आनन्द लिया | वहाँ पर मेरा एक दोस्त भी बना और वह हमारे साथ बहुत दूर तक गया था| मैं और मामा जी चिड़िया घर के गेट पर उतर गये | दोनों ने चिड़िया घर से टिकट ली और अंदर चले गये |

विभिन्न पक्षियों और पशुओं को देखना :- हमने वहाँ पर पक्षियों के के लिए बड़े पिजड़े से बने हुए स्थान मिले | कई पक्षियों को मोहन पहचानता था लेकिन कई ऐसे पक्षी थे जिन्हें मोहन नहीं पहचानता था उन सभी के नाम बाहर लिखे हुए थे | पिंजरे के बाहर उनके जीव विज्ञानी नाम हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखे थे | वहाँ पर नाम के दो हिस्से थे – एक पक्षिकुल का और दूसरा उसकी उपजाति के थे |

पक्षी के लोक प्रचलित नाम भी आखिर में दिए हुए थे | पक्षी की आदतें और वह कहाँ पर पाया जाता है ये सब जानकारी वहाँ पर दी गई थी | हंसों के लिए खुला हुआ बाड़ा बना हुआ था | ये जल में रहने वाले पक्षी होते हैं इसी वजह से बड़े में तालाब भी बनाया गया था | इनको आसानी से विचरण करने के लिए ही बाड़ा ऊपर से खुला बनाया गया है | कहीं -कहीं पर पेड़ भी लगे थे |

पानी में सफेद रंग की बतख और हंस तैर रहे थे | हिरनों के लिए भी बाड़ा बनाया गया था | उसके साथ वाले बाड़े में कंगारू था | कंगारू के पेट पर विचित्र तरह की थैली बनी हुई थी जिसमें उसका बच्चा बैठा हुआ था | आगे वाले बाड़े में बनैले सूअर के लिए काफी गहराई में तालाब बना हुआ था | बनैला सूअर बहुत ही फुर्तीला होता है | पास ही में सफेद भालू का बाड़ा बना हुआ था | उसके बाड़े को जंगल की तरह बनाया गया था |

शेर को देखना :- अचानक से बहुत तेज दहाड़ सुनाई दी | सभी दर्शक चारों ओर देखने लगे | लोगों ने पास वाले बाड़े में जाकर देखा लेकिन वहाँ पर शेर नहीं था | उसके बाड़े के सींखचे दोहरे और ऊँचे थे | शेर झाड़ियों के पीछे भूख से टहल रहा था | उसके लिए कृत्रिम जलाशय बनाया गया था | जिससे एक पगडंडी ऊपर चढकर जंगल से मिल जाती है |

शेर के लिए बने पंजरे के ऊपर चिड़ियाघर का एक कर्मचारी दिखाई दिया | वह शेर के लिए भोजन लाया था | शेर के लिए मांस के बड़े-बड़े टुकड़े लाये गये थे | वह भोजन को देखर जल्दी से बाहर आ गया | उसने पिंजरे पर चढकर अंदर वाले फटक को ऊपर की ओर खोला और पिंजरा कृत्रिम जंगल से जुड़ गया | शेर मांस की गंध से मांस के पास पहुंच गया और मांस पर टूट पड़ा |

उपसंहार :- मामाजी ने घड़ी देखी | दोपहर हो रही थी | उन लोगों ने तीन बजे घर वापस जाने का निर्णय किया था | वे समय पर घर पहुंचने के लिए बाकी के पशु पक्षियों को जल्दी-जल्दी देखने लगे | चीता , तेंदुआ , हाथी , जेबरा , जिराफ को देखते -देखते हमें दो बज गये | फिर हम लोग जल्दी से घर के लिए निकल पड़े |

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